इंदौर में हर महीने डॉग बाइट के 10 हजार मामले: 7 महीनों में 28 हजार से ज्यादा लोग बने शिकार, 9 साल में दोगुने हुए केस

इंदौर में हर महीने डॉग बाइट के 10 हजार मामले: 7 महीनों में 28 हजार से ज्यादा लोग बने शिकार, 9 साल में दोगुने हुए केस

इंदौर प्रदेश में डॉग बाइट मामलों में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। शहर में आवारा कुत्तों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। हर महीने लगभग 10 हजार लोग इनका शिकार बन रहे हैं। औसतन रोजाना 134 लोगों पर स्ट्रीट डॉग हमला कर रहे हैं।

बीते दिनों एक पागल कुत्ते ने बीएसएफ के छह जवानों को काट लिया, जिनमें से दो गंभीर रूप से घायल हुए। यह घटना बताती है कि शहर में स्ट्रीट डॉग का आतंक किस स्तर पर है।

आंकड़े डराने वाले

  • जनवरी से जुलाई 2025 तक: 28,142 लोग डॉग बाइट का शिकार हुए।

  • यह आंकड़ा सिर्फ हुकुम चंद पॉलीक्लिनिक का है। इसमें 28 अन्य वैक्सिन सेंटर और 350 नर्सिंग/प्राइवेट हॉस्पिटल का डेटा शामिल नहीं है।

  • 2023 तक: हर महीने औसतन 3,600 लोग शिकार बनते थे।

  • 2025 में: यह संख्या बढ़कर लगभग 10,000 प्रतिमाह हो गई है।

  • पिछले 9 सालों में डॉग बाइट मामलों की संख्या दोगुनी हो चुकी है।

2016 बनाम 2025

  • 2016 में पूरे साल 20,455 केस सामने आए।

  • 2025 में सिर्फ 7 महीने में ही 28,142 केस दर्ज हो चुके हैं।

  • यानी 2016 की तुलना में अब डॉग बाइट मामलों में लगभग 8 हजार अधिक लोग शिकार बन चुके हैं।

क्यों बढ़ रहे हैं मामले?

  • स्ट्रीट डॉग की संख्या में लगातार बढ़ोतरी।

  • कॉलोनियों और चौराहों पर कुत्तों की अधिक संख्या।

  • देर रात लोगों का निकलना और सुरक्षा की कमी।

नतीजा

इंदौर में स्ट्रीट डॉग का खतरा दिन-प्रतिदिन गंभीर होता जा रहा है। हालात यह हैं कि शहर की सड़कों पर निकलना अब और भी खतरनाक हो गया है। लोगों को काटने के बाद वेक्सिनेशन के लिए सबसे ज्यादा भीड़ एमटीएच स्थित हुकुम चंद पॉलीक्लिनिक पर उमड़ती है।

👉 आंकड़े साफ बताते हैं कि इंदौर में डॉग बाइट के केस लगातार दोगुने होते जा रहे हैं और स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है।

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